बेवफ़ा ये जिंदगी

                                         



// बेवफ़ा ये जिंदगी //

बेवफ़ा ये जिंदगी,

कब किधर भागे,

कब क्या सोचें,

कोई न जाने।


खुद को पुछो तो सही

तुम्हारी पहचान?

पता हीं नहीं,

आए हो कहां से ?

जानते हीं नहीं,

जाना है कहां?

 सोंचा हीं नहीं।


जीने का मक़सद,

अलग अलग होता है,

हार इंसान का,

अलग होता है,

हमारा, तुम्हारा और उनका,

 बदल जाती है पहचान,

पल पल, हर पल,

चलने के अंदाज से।


सूरज, चांद, सितारे,

बदलते हैं रंग हर सुबह शाम,

किसीको क्या पता,

कल हम कहां?

 और तुम कहां ?




हमें जीना है प्यार से,

खुशी से हर वक्त को बिताना है।

गर आना हीं है मौत को, 

तो आने दो,

डरना क्यों है उससे,

जब सिर्फ एक बार गले से 

उसको लगाना है ?


अनमोल है ये जीवन,

हंसते हंसते जीना है,

हंसते हंसते मरना है।


बेवफ़ा ये जिंदगी,

कब किधर भागे,

कब क्या सोचें,

कोई न जाने


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