हम हैं भारतवासी
धरती की गोद में जन्म लिया,
दिल की धड़कन सुनकर उसकी
फिक्र हमें किसकी, जब
आसमान चूमे हिमालय,
पांव छुए गहरा पानी,
डर नहीं है हमे किसकी,
हम हैं भारतवासी,
हम हैं भारतवासी ।
कदम से कदम मिलाके,
हाथ थाम हाथों में,
हम आगे हीं बढ़ते हैं,
लिए तिरंगा हाथों में,
हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई
और बहुत हैं अपने भाई,
डर नहीं हमें किसीका
चले चलते हैं
आगे बढ़ते हैं,
हम वही भारतवासी।
मातृभूमि की आन बचाने,
है कुर्बान जान भी अपनी,
लड़ते हैं हम आखरी सांस तक,
कसम है हमको शान की अपनी,
झुकते नहीं किसी के आगे,
हम वो भारतवासी।
भाईचारे के बंधन से,
बंधे हुए हम भारतवासी,
लोहे का है बदन हमारा,
ताकत नहीं किसी दुश्मन में,
उजाड़ सके जो चमन हमारा,
ये हैं हमारे भारतवासी ।
डर रहा है आज हर दुश्मन
देखकर ताकत हमारी,
टूट गई हैं हिम्मत उनकी
कैसे करे सामना हमारी,
हम है भारतवासी ।
चकित देखकर दुनियावाले
बढ़ रहे आगे हम कैसे,
हर क्षेत्र में अपने अंदाज से
सर उठाकर पर्वत जैसे,
हम हैं भारतवासी ।
इसी धरती पर गंगा बहती है,
यहीं बसी है शहीदों की छाया,
इसी पवन में गूंज रही है,
हर धर्मों की धड़कन,
प्यारा है मुझको ये पुण्यभूमि हमारा,
तमन्ना है यहीं जन्म लेने की, कई कई बार,
आरज़ू है यहीं सांस लूं मैं,
जनम जनम, लगातार,
गर्व है मुझे इस देश पर,
हम है भारतवासी ।
शोर उठ रहा हर कोने से,
जय, जय भारत माता की,
फिक्र हमें किसकी, जब
आसमान चूमे हिमालय,
पांव छुए गहरा पानी,
डर नहीं है हमे किसकी,
हम हैं भारतवासी,
हम हैं भारतवासी ।।
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